
महाशक्ति भद्रकाली मंदिर 53 वा शक्तिपीठ कहां जाने वाला दिव्य धाम विगत वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार, इस वर्ष भी भविष्यवाणी हुई, जिसमें कहा कि देश का राजा नहीं बदलेगा, राजनीति में वर्तमान राजा को पूर्ण बहुमत मिलेगा जनता का पूर्ण समर्थन मिलेगा, माता रानी भविष्यवाणी में कहा कि हर सनातनी हर हिंदू के घर एक गाय होना चाहिए, हर हिंदू हर सनातनी को तिलक और माला अनिवार्य कहां है मां महाशक्ति भद्रकाली ने कहा कि बारिश अच्छी होगी ,बोनी तीन होगी कहां-कहां पर लगता आषाढ़ की होगी दूसरी शरबती बोवनी आधा असाढ़ होगी और तिसरी उतरता असाढ की होगी, मोटे साथ गिरेंगे, जिसमें तीन बार ओलावृष्टि होगी, मनुष्य पर लड़ाई का प्रकोप ज्यादा रहेगा दुर्घटना का प्रकोप भी ज्यादा रहेगा एक्सीडेंट खूब होंगे, जेठ असाढ़ में गर्मी खूब होगी,, ऑटोमेटिक अग्नि का चलन भी रहेगा,, जेठ एवं असाढ़ में आंधी तूफान खूब रहेंगे, सोयाबीन के भाव अच्छे रहेंगे गेहूं एवं चना मसूर मेथी डालर चने, सरसों राई के भाव अच्छे रहेंगे, सोना एवं चांदी के भाव अच्छे रहेंगे, लहसुन में खूब उतार-चढ़ाव रहेगा, प्याज के भाव अच्छे रहेंगे , इस वर्ष रेलवे पेसेजंर ट्रेन पर एक घटना हो सकती है आकस्मिक दुर्घटना बिजली की घटना भी हो सकती है, माता रानी ने भविष्यवाणी में बताया कि आने वाले समय में डीजल और पेट्रोल में काफी कमी आ जाएगी, गौ माता के दर्शन के लिए पैसा खर्च करना पड़ेगा एक बैल की औषधन कीमत 10 लाख रुपए हो जाएगी किसान खेती नहीं कर पाएंगे बेल के बिना,, आने वाले समय में इंसान को ही बेल बनना पड़ेगा, गौशाला निवारण नहीं है गाय का हर हिंदू हर घर एक गाय होना चाहिए, माता रानी के भविष्यवाणी में बताया कि धर्म बचाओ मंदिर बचाओ गौ माता बचाओ सनातन को सर्वपरी बताया गया भारत एक दिन विश्व गुरु बनेगा प्रथम नंबर पर होगा भारत,, मनुष्य पर कई सारी प्रकृतिक आपदाएं आएगी,, एक्सीडेंट की दुर्घटना अटैक आना फांसी लगाना आत्महत्या करना जहर खाना पानी से भी कई दुर्घटना होगी इस वर्ष, ऑटोमेटिक क्रोध लड़ाई का प्रकोप ज्यादा रहेगा आपसी विवाद रहेंगे जातिगत विवाद रहेंगे। इस वर्ष राजा एवं प्रजा में खींचा तान रहेगी,,, हर व्यक्ति को कुर्सी का लालच होगा पर देश का राजा नहीं बदलेगा , साल संवत् प्रारंभ से 2024 से 2029 के बीच जनता का खूब लाभ होगा , माता रानी ने प्राकृतिक आपदा और शारीरिक बीमारियों से रोग के लिए दुख के निवारण के लिए अच्छा खान-पान पूजा अर्चना, खेड़ापति, ग्राम देवता की पूजा अर्चना, ईस्ट पितरों का पूजन पिंडदान, महावीर बजरंगबली हनुमान की पूजा हवन , से स्वास्थ्य लाभ होगा और अकाल मृत्यु से भय मुक्त होगा,, भगवती त्रिपुर सुंदरी राजराजेश्वरी ने कहा कि आने वाले इस समय में जो व्यक्ति मन मारेगा वह सबसे बड़ा होगा, काल को क्रोध को टालने का एकमात्र उपाय है स्वयं के मन को मारना मन में शांति, बनाए रखना, पुरानी बातों को भूलकर एक नया मार्ग देखना सत्य का मार्ग पर चलने से कठिनाई आएगी पर दुख की अनुभूति नहीं होगी सुख मेंय जीवन बीतेगा,,, भद्रकाली मंदिर पर मान्यता है कि हर प्रकार के रोग हर प्रकार की बाधा समाप्त हो जाती है, जहां पर कम समय में अपने मनोकामना पूर्ण हो जाती है भद्रकाली मंदिर पर मान्यता है कि यहां पर नी संतानता को संतान प्राप्त का सुख प्रदान होता है, यहां पर मान्यता है कि हर प्रकार की बीमारी रोग दोष पितृ बधा भूत प्रेत बाधा, कई प्रकार के तंत्र बाधा समाप्त हो जाती है, जहां पर विशेष दर्शन रविवार को सुबह 10:00 बजे से 6:00 तक दिव्य दरबार सजता है मां भद्रकाली का, विराट स्वरूप में भक्तों को दर्शन देकर उनकी हर समस्या का समाधान होता है नि, शुल्क निस्वार्थ,, मान्यताओं के अनुसार मां महाशक्ति भद्रकाली मंदिर को 53 वा शक्ति पीठ कहा जाता है, जहां पर दर्शना आर्थि मलेशिया इंडोनेशिया दुबई थाईलैंड ऑल कंट्री से आते हैं, ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर प्रत्यक्ष प्रमाण है मां भद्रकाली का, भद्रकाली मंदिर के पीठाधीश्वर योगी विजयाआनंद महाराज, योगी अखाड़ा मठ उत्तर प्रदेश के धर्माचार्य के प्रदेश अध्यक्ष प्रयागराज हनुमानगढ़ी धर्माचार्य के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री श्री 1008 श्री महामंडलेश्वर योगी विजयाआनंद महाराज का कहना है कि वह विगत 7 वर्ष के थे जब से देवी ईस्ट है 28 वर्ष की साधना है जिन्होंने कहा कि 10 महाविद्याओं की साधना सिद्ध की है , जिन्होंने कहा कि वह सात्विक साधक है उन्होंने कहा कि वह मांस मदिरापान नहीं करते , भद्रकाली मंदिर पर अखंड ज्योति अखंड विराजमान है , मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के नागदा तहसील अंतर्गत उन्हेल उन्हेल से दक्षिण में ग्राम लसूडिया चुवड मैं स्थित मां भद्रकाली मंदिर 53 वा शक्ति पीठ के नाम से विख्यात है,9131033383, मंदिर परिसर में कोई शुल्क नहीं है निशुल्क निस्वार्थ सेवा है सबसे अच्छी बात और सबसे बड़ी बात यह है कि भद्रकाली मंदिर निजी मंदिर है,, पुजारी जी अपने स्वयं के खर्चे से मंदिर और गौशाला चलाते हैं,, भद्रकाली मंदिर के पुजारी शिव शक्ति के साधक हैं